अमर वीरों की शहादत पर कुछ ऐसे आंसू जो गिरते तो हैं पर उनके गिरने की आवाज सभी को सुनाई नही देती उन अमर शहीदों लिए कविता 💐 💐💐👏
अभी हृदय के चपल सुरों
की झंकृत झांझड़ी बाकी थे।
अभी तो नवतरू पल्लव
के अरमान निभाने बाकी थे।
इस दुनिया मे सुख के
दीप अभी जलाने बाकी थे।
दंपति की आशाओं के
नित कलश सजाने बाकी थे।।
अभी तो नन्हे हाथ पकड़
विद्यालय से लाने बाकी थे।
अभी तो बूढ़े हाथों मे सिर
रख प्यार जताने बाकी थे।
इतने निर्मम न थे तुम जो
आते ना मेरे बुलाने पर
मातृभूमि का कर्ज अदाकर
लौट आने के वादे बाकी थे।।
#Ssps96
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